Mansi savita

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लेखनी प्रतियोगिता -20-Sep-2023

जिन बच्चो के हाथ में मां का हाथ हुआ करता
मासूम बन मां के आंचल में बैठ किलकली भरा करते थे
उन्हें थमा दिया मोबाइल ,घर में सुकून तो हुआ करता 
जोड़ दिया बच्चो को विज्ञान की तकनीकी से
अब हर बच्चो के हाथ मोबाइल हुआ करता 
ना होती चिंता खान की ,ना कोई ज्ञान की
न ही घर में कोहराम हुआ करता है
रिश्तेदार आते थे तो जो वक्त बिताया जाता था
अब तो वीडियो कॉल पे हाल मुलाकात हुआ करती है
ना आते हंसी के पल वापस इमोजी से फीलिंग का इकरार हुआ करता है
जो दोस्तो के साथ लांगुटिया यारो की यारी का 
गुट लगा करता था
अब तो नए सोशल साइट्स के जरिए नए दोस्तो के चक्कर में पुराने यारो का यारी
बिखराव हुआ करता है
न आने में ज्ञान की बाते बच्चे सोचा करते थे
अब तो गूगल और मोबाइल हाथ हुआ करता 
क्या करना याद करके  गूगल है न
अब पहले वाला ज्ञान न ही हुआ करता है
तकनीकी आगे बढ़ती तो जा रही है
5जी की दुनिया कहते है आज हम
कही न कही सब छूट ता सा जा रहा है
मॉम डैड जो बच्चो को वक्त सिखाने में लगाते थे
लगे खुद मोबाइल में , दूजा मोबाइल दे जाते है
बच्चो की आंख की परवरिश की फिक्र नहीं
सुकून है घर में ,तो मोबाइल थमा जाते है
युवा  परेशान है जिदंगी से कहते है हम सब मिल 
मोबाइल भी ही कुछ जड़ है ,ध्यान को भगाने का यंत्र है 
आंखों की चिंता नही लगे बच्चे गेम में
पागलपन है नशा है कुछ ऐसा इन फोन में
           मोबाइल का उचित उपयोग कीजिए

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

22-Sep-2023 09:18 PM

Nice 👌

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Gunjan Kamal

21-Sep-2023 06:05 PM

शानदार

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